Thursday, February 17, 2011

परीक्षा फीस 375 पुनर्मूल्यांकन फीस छह हजार रुपये

 हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी के तुगलकी फैसले ने छात्रों व उनके अभिभावकों में बेचैनी पैदा कर दी है। बोर्ड ने उत्तर पुस्तिकाओं के पुन: मूल्यांकन की फीस बढ़ाकर एक हजार रुपए प्रति पेपर कर दी है। जबकि बोर्ड का परीक्षा शुल्क 375 रुपये है।  भिवानी बोर्ड द्वारा परीक्षा शुल्क 375 रुपये निर्धारित किया है। इस शुल्क में परीक्षा का आयोजन, प्रश्न पत्र का खर्च, उत्तर पुस्तिकाओं का जांचना, परीक्षा परिणाम तैयार करना सहित अन्य जटिल प्रक्रिया शामिल है, जबकि बोर्ड ने उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन के लिए एक हजार रुपये प्रति पेपर निर्धारित किया गया है। इस हिसाब से 6 पेपरों के पुनर्मूल्यांकन की एवज में छात्रों से 6 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं। बोर्ड 6 पेपरों की परीक्षा के लिए 375 रुपये वसूलता है और पुनर्मूल्यांकन के लिए 6 हजार। पुनर्मूल्यांकन के एवज में एक हजार रुपये वसूलने के बाद बोर्ड द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करने वाले अध्यापक को 8 से 10 प्रति पेपर ही अदा करना होता है। बोर्ड पुनर्मूल्यांकन के नाम पर छात्रों से कमाई करने में जुटा हुआ है। उत्तर पुस्तिकाओं के पुर्न मूल्यांकन मामले में एक चौंकाने वाला तथ्य यह भी है कि जांचने पर जिन छात्रों का दावा सच साबित होगा, उन्हें वसूली गई फीस का आधा हिस्सा ही वापस लौटाया जाएगा। यानी अपनी गलती पर भी बोर्ड प्रत्येक पेपर की एवज में 500 रुपये वसूलेगा ही वसूलेगा। छात्र व उसके अभिभावक जो मानसिक प्रताड़ना सहेंगे, सो अलग।

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