Thursday, December 16, 2010

बाहरी संस्थानों को सरकारी नौकरियों में मान्यता नहीं

मदनलाल सिंगला, उकलाना (हिसार) प्रदेश में एमपीएचडब्ल्यू के कोर्स करवाने के लिए विभिन्न प्रदेशों के संस्थान कोने-कोने में कुकरमुतों की तरह फैले हुए हैं और वह युवाओं को एमपीएचडब्ल्यू की बाहरी डिग्री के बल पर प्रदेश में सरकारी नौकरियों में मान्यता होने का झूठा झांसा दे कर लूट रहे हैं। प्रदेश में बाहर के एमपीएचडब्ल्यू कोर्स संस्थानों को प्रदेश की सरकारी नौकरियों में कोई मान्यता नहीं है। यह खुलासा निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं (मलेरिया) पंचकूला ने आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में किया। गौरतलब है कि राजेश कुमार ने निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं को प्रेषित पत्र में विभाग संबंधित कुछ जानकारी हासिल करने के लिए लिखा था। विभाग से मिले जबाव में बताया गया कि मेल कोर्स करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग मलेरिया ने केवल 9 संस्थानों को मान्यता दी है जिसमें 2 सरकारी संस्थान राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केंद्र रोहतक तथा एमपीएचडब्ल्यू मेल ट्रे¨नग स्कूल सामान्य अस्पताल, सोनीपत शामिल हैं। 7 निजी संस्थानों में गुरु तेगबहादुर शिक्षा एवं स्वास्थ्य केंद्र नरवाना, बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल एजुकेशन भिवानी, राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसिज सिरसा, होलिस्टिक इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसिज सिरसा, जय बजरंग बली एमपीएचडब्ल्यू मेल राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केंद्र रोहतक, एमपीएचडब्ल्यु मेल ट्रे¨नग स्कूल सामान्य अस्पताल सोनीपत शामिल है। ट्रे¨नग सैंटर महेंद्रगढ़, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसिज गांव दरियापुर फतेहाबाद तथा कैलाश इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड साइंसिज गांव चंडीगढ़ कोटला पंचकूला शामिल हैं। विभाग ने स्पष्ट किया कि इसके अलावा प्रदेश या प्रदेश से बाहर का कोई भी संस्थान सरकारी नौकरी के लिए मान्य नहीं है। मलेरिया विभाग ने जानकारी दी कि प्रदेश की 2001 में जनसंख्या 2,11,44,564 है और पांच हजार की आबादी पर एक एमपीएचडब्ल्यू का पद आवश्यक है। जबकि जनसंख्या के आधार पर प्रदेश में कुल 4200 के करीब एमपीएचडब्ल्यू के पद होने चाहिए। विभाग का कहना है वर्तमान में 2544 पद स्वीकृत हैं और इनमें से 641 पद एमपीएचडब्ल्यू मेल के पद रिक्त हैं। विभाग से मिली जानकारी पर रामपाल बिठमड़ा व गौतम सहारण ने कहा कि विभाग को बाहरी प्रदेश के एमपीएचडब्ल्यू संस्थानों को प्रदेश की सरकारी नौकरियों में मान्यता होने का दावा करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे संस्थानों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग को तुरंत जनसंख्या के आधार पर विभाग को पदों बढ़ाना चाहिए।

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