Sunday, December 12, 2010

बीएड में दाखिला दलालों के लिए सोने पर सुहागा।

विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र लाख कोशिशों के बाद भी बकाया पड़ी बीएड सीटें कुवि प्रशासन के सामने हौवा बनी हुई हैं तो दलालों के लिए सोने पर सुहागा। बीएड में दाखिला लेने के प्रयास में जुटे उम्मीदवार इन दलालों के लिए आसान शिकार साबित हो रहे हैं। काउंसलिंग के दौरान उम्मीदवारों के बीच में घुसे यह दलाल उन्हें मनचाहे कॉलेज में दाखिला दिलाने का झांसा देकर हजारों रुपये ऐंठ रहे हैं। दूसरी ओर बार-बार काउंसलिंग करने पर भी सीटें न भर पाने और अंतिम काउंसलिंग के कारण कॉलेज संचालकों के भी पांव तले की जमीन खिसक गई है। अब सीटें भरने के लिए वह भी स्वयं मैदान में आ डटे हैं। कई कॉलेजों ने तो नियमों के विरुद्ध काम करते हुए ऑडिटोरियम के बाहर अपने पोस्टर तक चिपका दिए हैं। इन पोस्टरों पर खाली सीटों के ब्यौरे सहित कुछ लुभावने वायदे भी लिखे गए हैं। दलालों ने तो इससे भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए अपने नंबर लिखे पोस्टर ही दीवारों पर चिपका दिए हैं। जिन पर साफ शब्दों में बीएड दाखिला हेल्प लाइन नंबर लिखा हुआ है। ज्ञात रहे कि अबकी बार प्रदेश भर की बीएड सीटों पर दाखिले करवाने का जिम्मा कुवि प्रशासन पर है। बीएड का सेशन शुरू हुए एक माह गुजर जाने के बाद भी कुवि अब इसके लिए अंतिम काउंसलिंग करने में जुटा है। अबकी बार बीएड दाखिलों के लिए दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों के ज्यादा आवेदन आए हैं। उन्हें दाखिलों की कार्यप्रणाली के बारे में ज्यादा जानकारी न होने पर कुछ दलाल उन्हें अपने पंजे में फंसा रहे हैं। यह दलाल काउंसलिंग हॉल के बाहर खड़े होकर खासकर उन लोगों को ज्यादा निशाना बना रहे हैं जिनके साथ महिला उम्मीदवार हैं। यह उन्हें मनचाहे कॉलेज में दाखिला दिलाने व 10 हजार रुपये अतिरिक्त देने पर कक्षाओं से छूट दिलाने का भी आश्वासन देने में लगे हैं। दूसरी ओर कुछ कॉलेज संचालक भी अपनी सीटें भरने के लिए ऑडिटोरियम हॉल में डटे हुए हैं। अंतिम काउंसलिंग को देख इन्होंने उम्मीदवारों को अपने-अपने कॉलेजों में बुलाने के लिए ऑडिटोरियम के बाहर पोस्टर चिपकाने शुरू कर दिए हैं। यह कॉलेज संचालक उम्मीदवारों को कक्षाएं लगाने की छूट देने के भी दावे कर रहे हैं। मेरिट के आधार पर हो रहे हैं दाखिले प्रभारी डॉ. सुषमा शर्मा ने कहा कि सभी दाखिले मेरिट के आधार पर किए जा रहे हैं। अगर कोई भी आदमी रुपये लेकर दाखिले कराने की बात करता है तो वह फ्राड है। ऑडिटोरियम के बाहर कुछ कॉलेजों ने पोस्टर चिपकाए थे उन्होंने वह उतरवा दिए हैं। उन्होंने उम्मीदवारों ने अपील की है कि वह किसी दलाल के चक्कर में न फंसे।

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