मंुबई, क्रांति विभूते : क्या आपका पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड रहा है? क्या आपके घर पर कंप्यूटर है? आपको कोई जानलेवा बीमारी तो नहीं है? आपका घर कितना बड़ा है? आप कौन सी कार चलाते हैं? मंुबई के स्कूलों में बच्चों का दाखिला कराने वाले अभिभावकों से इन दिनों यही सवाल पूछा जा रहा है। इन सवालों के आधार पर ही निर्धारित होगा कि बच्चे को स्कूल में दाखिला मिलेगा या नहीं। यही नहीं उनसे पुलिस थाने से चरित्र प्रमाण-पत्र लाने के लिए कहा जा रहा है। इंकार करने पर बच्चे को दाखिला देने से मना किया जा सकता है। मंुबई के जुहू में मानेकजी कूपर हाई स्कूल में दाखिला लेने वाले बच्चों के अभिभावकों से मंुबई पुलिस द्वारा दिया गया चरित्र प्रमाणपत्र जमा करने को कहा है, ताकि यह सुनिश्रि्वत किया जा सके कि अपराधियों के बच्चे स्कूल में नहीं पढ़ रहे। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ पेरेंट टीचर एसोसिएशन (पीटीए) के अध्यक्ष जयंत जैन ने कहा कि शहर के कई स्कूल अभिभावकों से इस तरह के सवाल कर रहे हैं। हाल ही में दक्षिण मंुबई के एक स्कूल ने एक बच्चे के पिता से पूछा कि उनका घर कितना बड़ा है और कौन सी कार रखते हैं। जैन ने कहा कि कुछ स्कूल तो अभिभावकों से इनकम टैक्स रिटर्न और बच्चों के साथ उनका चिकित्सकीय प्रमाणपत्र भी मांग रहे हैं। अभिभावकों को डर है कि अगर उन्होंने स्कूल की शिकायत शिक्षा विभाग में कर दी तो उनके बच्चे को दाखिला नहीं मिलेगा। सरकारी नियंत्रण के अभाव में स्कूल मनमानी कर रहे हैं।
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