Friday, December 10, 2010
परीक्षक एक मिनट में जांच रहे एक कॉपी
वाराणसी, जागरण संवाददाता : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षकों के आगे कंप्यूटर भी फेल हैं। विवि में इन दिनों शास्त्री व आचार्य की वार्षिक परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन हो रहा है। तीन घंटे मेहनत करके परीक्षार्थी ने जो कॉपी लिखी, उसे शिक्षक एक मिनट में मूल्यांकन कर किनारे कर दे रहे हैं। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लगे परीक्षक ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के लिए 60 मिनट में 60 कॉपी जांच रहे हैं।ऐसे में कॉपियों की जांच कैसे हो रही होगी। इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। विवि प्रशासन ने कॉपियों के मूल्याकंन के निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं की है, जिससे परीक्षक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, चालू सत्र के पांच माह बीत चुके है, लेकिन अभी तक किसी भी कक्षा का रिजल्ट नहीं घोषित हो सका है। विवि प्रशासन को कॉपियों के मूल्यांकन कार्य पूरा कराने की जल्दी है। परीक्षकों ने इस मंशा को भांप लिया है और एक घंटे में एक बंडल (साठ कॉपी) का मूल्यांकन कर रहे हैं। अंक एवार्ड पत्र में चढ़ाने के बाद वे दूसरा बंडल कापी लेने बूथ पर पहंुच जा रहे है। मूल्यांकन बूथ पर कार्य में लगे कर्मचारी भी परीक्षकों की तेजी पर हैरान है। उन्होंने स्वीकारा कि कुछ परीक्षक ऐसे हैं जो एक घंटे में एक बंडल कॉपी जांच कर दूसरा बंडल मांगने आ जा रहे है। बीएड विभाग के प्रोफेसर सुभाष चंद्र तिवारी का कहना है कि एक बंडल कॉपियों के मूल्यांकन में साढ़े तीन से चार घंटे का समय लगता है। अगर एक घंटे में साठ कॉपियों की जांच हो रही है तो छात्रों का भविष्य भगवान भरोसे है।
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