Sunday, December 12, 2010

एचपीएससी के खिलाफ खोला मोर्चा

महीपाल सिंह, कैथल स्कूल लेक्चरर की भर्ती के लिए स्टेट पास अभ्यर्थियों का फिर से स्क्रीनिंग टेस्ट लिए जाने को लेकर रविवार को अभ्यर्थियों ने एचपीएससी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। स्क्रीनिंग टेस्ट के खिलाफ अभ्यर्थियों में भारी रोष है। अभ्यर्थियों का कहना है कि स्टेट के बाद अब स्क्रीनिंग टेस्ट का कोई औचित्य नहीं है। यदि सरकार ने इसे नहीं हटाया तो इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खट-खटाएंगे। एचपीएससी ने बिना स्टेट पास अभ्यर्थियों के भी रोल नंबर भेजे हैं। ऐसे कई मामले कैथल में भी सामने आए हैं। यदि प्रदेश भर की बात करें तो यह कई हजारों में हो सकते हैं। रविवार को स्टेट पास अभ्यर्थियों की बैठक हनुमान वाटिका में हुई। दिनेश सिंह ने बैठक में कहा कि एचपीएससी ऐसा कर मनमानी कर रही है। जब आवेदन के समय स्टेट पास योग्यता मांगी गई थी तो फिर अब टेस्ट क्यों? एचपीएससी को चाहिए कि वह स्टेट पास अभ्यर्थियों की विषय-अनुसार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी से पुष्टि करवा उनका साक्षात्कार लेकर नियुक्ति दे, लेकिन एचपीएससी एक से एक नया फंडा तैयार कर रही है। लाखों होंगे मताधिकार से वंचित : एचपीएससी द्वारा 19 तथा 26 को स्क्रीनिंग टेस्ट की तिथि घोषित की है। इसी दिन प्रदेश के कैथल और भिवानी में नपके चुनाव भी रखे गए हैं। तो ऐसे में स्टेट पास हजारों उम्मीदवार मताधिकार से वंचित रहेंगे। फार्म रद होने चाहिए : एचपीएससी के आवेदन के समय हजारों की संख्या में गेस्ट प्राध्यापकों ने भी आवेदन किया था। अब गेस्ट प्राध्यापकों के केस को अदालत ने रद कर दिया है तो ऐसे में गेस्ट प्राध्यापकों के आवेदनों का कोई महत्व नहीं रह जाता। तो क्या है स्टेट का औचित्य? : यदि एचपीएससी ने स्क्रीनिंग टेस्ट के आधार पर भर्ती करनी है तो फिर स्टेट का क्या औचित्य? स्टेट के नाम पर आवेदक हजारों रुपये व समय बर्बाद कर रहे हैं। वहीं स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए एचपीएससी अपने कार्य के प्रति कितनी सजग है इसकी पोल खोल रहे हैं स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए भेजे गए रोल नंबर। कर्मचारियों ने बिना किसी जांच के जहां कई अयोग्य अभ्यर्थियों के रोल नंबर जारी किए हैं वहीं कई अभ्यर्थियों के दो-दो रोल नंबर जारी कर दिए हैं।

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