
दिन में करीबन 12 बजे से ग्राउंड में बैठकर शिक्षा मंत्री के आने का इंतजार कर रहे छात्रों को करीबन साढ़े पांच बजे जाकर शिक्षा मंत्री के दर्शन हुए। इस दौरान छात्रों के साथ अधिकारियों के सब्र की बांध भी टूट चुकी थी। सभी जिलों के अधिकारियों और खिलाड़ियों ने शिक्षा मंत्री के सामने हूटिंग की और नारे भी लगाए। सबका आरोप था कि वे रविवार रात से गुड़गांव पहुंचे हैं, लेकिन तब से लेकर सोमवार देर शाम तक गुड़गांव खेल विभाग की तरफ से खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं किया गया।
शिक्षा मंत्री ने दी स्टेमिना बढ़ाने की सलाह
कई घंटों से भूखे-प्यासे ग्राउंड में बैठकर शिक्षा मंत्री के आने का इंतजार कर रहे खिलाड़ियों के प्रति कोई दया भावना दिखाई नहीं दी। शिक्षा मंत्री ने उलटे ही खिलाड़ियों को ही स्टेमिना बढ़ाने की सलाह दे डाली। भास्कर से बातचीत में मंत्री ने खिलाड़ियों को सुविधाएं उपलब्ध न कराने के दोषी किसी अधिकारी को डांटने की बजाय उन्होंने कहा कि जो बच्चे कुछ देर के लिए भूख-प्यास सहन नहीं कर सकते उन्हें खेलों में हिस्सा ही नहीं लेना चाहिए।
संबंधित जिलों के खेल अधिकारियों को उन खिलाड़ियां का स्टेमिना बढ़ने के बाद ही खेलों में हिस्सा दिलाना चाहिए। इस दौरान हाथों में अपने-अपने जिलों से झंडे थामे विभिन्न जिलों के छात्र बेसब्री के साथ मार्च पास्ट होने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन करीबन दो घंटे देरी से पहुंची शिक्षा मंत्री के समय की किल्लत के कारण खिलाड़ियों के अरमान धरे के धरे रह गए। खिलाड़ियों को बिना मार्च पास्ट के मायूस होकर ही वापस लौटना पड़ा।
खिलाड़ियों को नहीं मिले ट्रैक सूट
मार्च पास्ट के लिए सभी जिलों के खिलाड़ी जहां अपनी ड्रैस में नजर आए वहीं महेंद्रगढ़ से आए खिलाड़ियों को ट्रैक सूट तक नसीब नहीं हुआ। टीम के साथ आए कुछ अधिकारियों ने महेंद्रगढ़ के डीपीओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि डीपीओ के पास सभी ट्रैक सूट पहुंच चुके थे, लेकिन उन्होंने किसी को ट्रैक सूट देना ही मुनासिब नहीं समझा। गुड़गांव शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने महेंद्रगढ़ के डीपीओ से फोन पर बातचीत करने की कोशिश की तो उनका फोन बंद मिला।
परेशानियों के लिए जिलों के डीपीओ दोषी
शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल और गुड़गांव शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास सिर्फ एक ही जवाब था कि खिलाड़ी अगर भूखे-प्यासे हैं या उनको सोने के लिए बिस्तर नसीब नहीं हो रहे तो इसके लिए सिर्फ संबंधित जिलों के डीपीओ ही दोषी हैं। उनको 100 रुपए प्रति दिन प्रति खिलाड़ी के हिसाब से डाइट भेजी जा चुकी है।
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